Thursday, September 22, 2016

"लाल बागचा राजा" के पीछे माह वास्तु काम कर रहा है ? देखिये एक मेरी खोज
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//श्री गणपतये नमः //
//श्री विश्व कर्मा देवता नमः //
एक साधारण सा गणेश उत्सव मंडल अचानक से पैसे वाला कैसे बन जाता है ?
गणपती उत्सव तो सब जगह होता है लेकिन .... "मन्नत" यही गणपति क्यू पूरी करता है ? बड़े बड़े सेलिब्रिटी, सरकारी अधिकारी क्यू आते है यहाँ ? क्यू देते है यहाँ दान ? क्या इसके पीछे भी माह वास्तु है, देखिये मेरी खोज माह वास्तु के अनुसार।
मुम्बई एक माया नगरी ........ है ! यहा पे "लाल बाग" करके एक छोटासा विभाग है. यहाँ पे बहुत सारे गणेश उत्सव मंडल है,
लेकिन "लाल बागचाराजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल" कुछ खास है। ये गणपती आपकी मन्नत पूरी करता है ऐसी आस्था यहाके गणेश भग्तोमे है. इस मंडल को आज १६० वर्ष पूर्ण हो चुके है। इसकी स्थापना १९३४ मै हूई थी , ८३ वर्ष पुराण मंडल है।
१९९९ के बाद ये सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल फेमस होने लगा , याने २००० साल में ऐसे प्रचिती मिली के ये 'गणपती" मन्नत पूरी करता है। ऐसी भावना श्रद्धालु के मन में जाग उठी।
किसने इस गणपति को सोने का हर दिया जो काफी मेहेंगा था और ये बात मीडया वालोने बड़ी धूम धाम से टीवी, अखबारों में दिखाई तबसे आज तक इस गणपति बाप्पा की किजोरी में मुनाफा ही मुनाफा हूवा। ये गणपती उस्तव मंडल आज लाखो करोड़ोमे खेल रहा है , मन्नतो में सोना, चांदी, पैसो की भड़ी मार होती है , मन्नत पूरी होने वालो की एक लाइन होती है, वह लाइन गणेश जी तक पोहचने केलिए ८ से १२ घंटे लगते है। लोग पूरी आस्था के साथ वह लाइन में रहकर गणेश जी के दर्शन लेते है। जो मन्नत उन्होंने पूरी होजाने के बाद बोलिति वह पूरा करके अपने घर चले जाते है।
क्या इसमें हमारा माह वास्तु काम कर रहा है। पिछले १६ वर्षा में क्या हूवा जो मंडल अचानक से प्रसिद्ध हो गया। पैसे बरसने शुरू हो गए.
चलो देखते है।
गणेश जी पछिम दिशा की और मुख किये हूए बैठते है, उसी दिशा में याने वेस्ट जोन में मुख्या दरवाजा है ( W 4 , W 5 ) पुष्पदंत, वरुण देवता का स्थान है। इस द्वारसे मान्यवर अतिथि आते है , सामान्य लोगो के लिए मुख दर्शन की लाएन है, मन्नत मांग के चले जाते है। उत्तर दिशा में दूसरा द्वार है, N 4,N 5 , उसकी देवता है भल्लाट, सोम इस दिशा से भी मान्यवर अथिति आते है , मन्नत पूरी होने की जो लाइन है वह E 5 दिशा से आती है जिसकी देवता है सूर्य , जो पैसा यहाँ इखठा होता है वह मंडप के ESE,SE जोन में जो मंदिर है वह गिना जाता है ,
माह वास्तु देवता के अभी हम गुण देखेंगे।
पछिम दिशा से जुड़े पुष्पदंत और वरुण देवता क्या फल दे ते है.
पुष्पदंत जीवन में उन्नति ,समृद्धि आधी सभी इच्छाओंकी पूर्ति करने की शक्ति प्रदान करता है। यह देवता को कुबेर का वाहन भी कहा गया है, जिसके गुणधर्म से फलना -फैलना और विस्तार होना यह गुण दिखाते है. इस वजहसे आज सभी की मनो कामना पूरी हो रही है.
वरुण देवता: वरुण देवता को विश्व का नियंत्रण माना गया है , वरुण का देव तत्त्व जितना बड़ा है , वदो में उतना किसी भी देवताका नहीं है ,
इस गणपति का मुख्या द्वार का ज्यादातर हिस्सा वरुण की और जाता है , विश्व में जितने भी धर्मीक स्थान है उन में वरुण के स्थान में ही देवी दवताओं की मूर्ति की स्थापन की ई गई है. मेरे आदरणीय "गुरु खुशदीप बंसल सर"का माना है की देवता को यहाँ रख देनेसे उस मूर्ति को संसार को चला ने वाला मानने का कारण मनुष्य की चेतना का अनुभव है। जैसे ही मनुष्य ने इस स्थान में कोई भी देवता या देवी का स्वरूप रखा तो उसको दिखाई पड़ता है की वही संसार को चला रहा है। यही आस्था हर एक व्यक्ति को इस गणपती से जोड़ देती है।
उत्तर दिशा के देवता भल्लाट :समृद्धि दाता है , भल्लाट की शक्ति ही हमारे प्रयासों और उन प्रयासों के परिणामो को विशाल स्वरूप प्रदान करती है। जीवन के किसी भी आयाम में जब हम कुछ बड़ा प्राप्त करने का प्रयास करते है तो हमारे उन प्रयासों को सार्थक करने, उन को मैंनिफैस्ट करने के लिए भल्लाट की शक्ति चाहिए,
सोम : देवता याने अमृत .. एक ऐसा पेय है जिसकी जादुई गुण है , यह देवता व्यापर में लाभ कमाने कि शक्ति और शत्रु ओ से रक्षा करने की शक्ति देता है। इसी द्वार से vip , मान्यवर अथिति , आते है जो उनके लिए लाभ कारक है।
पूर्व दिशा की देवता सूर्य : सूर्य देव समाज में व्यक्ति का नाम उसका व्यक्तित्व चमकता है. तो इस दिशा से मन्नत पूरा करेने वाले आम आदमी आते है. जो पुरे संसार को चिल्ला चिल्ला के कहते है की हमारी मन्नत पूरी हो गई जिस वजहसे इस गणपती का नाम समाज में चमक रहा है।
ऊपर दिए गए सभी देवता यहाँपे आपन काम कर रहे है जिस वजहसे ये गणेश उत्सव मंडल आज मुंबई में ऊँचा मक़ाम हासिल कर चूका है।
और दिन ब दिन उसकी ख्याति फैल रही है.
धन्यवाद !
Tejas salaskar

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